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Delimitation Commission in News

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अभी हाल ही में लोकसभा ने 15 मेंबर आफ पार्लियामेंट को सहयोगी सदस्य के रुप में जम्मू कश्मीर तथा उत्तर पूर्वी राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड की लोकसभा एव विधानसभा के लिए  नामिनेट किया गया है।
ध्यातव्य है कि इन केंद्रशासित प्रदेश/राज्यों के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रंजन प्रकाश की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग का गठन (परिसीमन एक्ट 2002 के तहत) किया गया था।



आइये जानते है कि सहयोगी सदस्य क्या होतें हैं- 

  • इनका कार्य परीसीमन आयोग के कार्यों में मदद करना होता है। 
  • संबंधित राज्य से 10 सदस्यों की नियुक्ति की जा सकती है जिनमें से 5 लोकसभा के सदस्य तथा 5 संबंधित विधानसभा के सदस्य होतें है। 
  • सहयोगी सदस्यों को लोकसभा स्पीकर तथाा संबंधित राज्यों की विधानसभा स्पीकर द्वारा नामित किया जाता है।                                                                                                                                                 
परिसीमन क्या है ?- इससे तात्पर्य है कि किसी राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं का निर्धारण करना हैं। 
सामान्यत: लोकसभा या विधानसभा की सीटों में बिना कोई परिवर्तन किये उनकी सीमाओं का दुबारा निर्धारण किया जाता है। 

इसे सीमा आयोग (Boundary Commission) भी कहा जाता है। 

अनुच्छेद 82 के तहत प्रत्येक जनगणना के पश्चात परिसीमन अधिनियम लागू होता है। परिसीमन अधिनियम लागू होने के बाद परिसीमन आयोग की नियुक्ति की जाती है और यह संस्था/निकाय निर्वाचन आयोग के साथ मिलकर काम करती है।





संरचना -


परिसीमन आयोग एक्ट, 2002 के अनुसार यह केंद्र सरकार द्वारा एप्वांइट होता है।

अध्यक्षता- सुप्रीम कोर्ट का अवकाश प्राप्त न्यायाधीश 

अन्य सदस्य - 

  1. मुख्य निर्वाचन आयक्त या  इसके द्वारा नामित कोई निर्वाचन आयुक्त 
  2. संबंधित राज्यों के आयुक्त 

शक्तियांं
  • यह एक स्वतंत्र निकाय है। 
  • आदेश राष्ट्रपति द्वारा निर्दिष्ट तिथि से लागू होते हैं
  • आयोग की आदेशों की प्रतिया लोक सभा और संबंधित विधानसभा के समक्ष रखी जाती है
  • इनकी रिपोर्ट में किसी भी प्रकार का संशोधन नहीं होता
  • यह एक शक्तिशाली निकाय है इसके निर्णय किसी भी न्यायालय में वाद योग्य नहीं होते    
  कार्य - 
 1. संसदीय / विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन 
2. एससी/एसटी के हितों का संरक्षण 


अब तक चार बार परिसीमन आयोग का गठन हो चुका है
  1. प्रथम परिसीमन आयोग 1952 
  2. दूसरी बार 1963 में (परिसीमन अधिनियम 1962 के तहत) 
  3. तीसरी बार 1973 (परिसमीन अधिनियम 1972 के तहत) 
  4. चौथी बार 2002 (परिसीमन अधिनियम 2002 के तहत)  

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