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Once-in-a-century Crisis Report

हाल ही में 'अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी' (International Energy Agency- IEA) ने वैश्विक ऊर्जा मांग और CO2 उत्सर्जन पर ‘वन्स-इन-ए-सेंचुरी क्राइसिस’ (Once-in-a-Century Crisis) नामक रिपोर्ट जारी की है


रिपोर्ट में प्रकाशित मुख्य तथ्य :- 
  •  लॉकडौन के कारण प्रति सप्ताह ऊर्जा की मांग में औसतन 25 प्रतिशत तक गिरावट देखने को मिल रही है।
  • भारत में ऊर्जा की मांग में 30 प्रतिशत तक गिरावट देखी गयी है।
  • वैश्विक ऊर्जा में मांग की कमी 2008 में आये वित्तीय संकट की तुलना में 7 गुना तक कमी देखी जा सकती है।
  • तेल की मांग पर प्रभाव:- वर्ष 2020 में तेल की कीमतों पर औसतन 9 प्रतिशत या इससे अधिक गिरावट देखी गयी है
  • कोयले की मांग पर प्रभाव :- बिजली की मांग में 5 प्रतिशत तक कि गिरावट देखी गयी है इसलिए कोयले के मांग पर 9 प्रतिशत तक गिरावट देखी जा सकती है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा प्रभाव:- कोयले तेल इत्यादि के मांग एवम परिचालन की कमी के कारण नवीकरणीय ऊर्जा की मांग बढ़ से सकती है। इनका परिचालन आसान एवं लागत कम होती है।
  • कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन पर प्रभाव- द्वतीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार इतनी कमी देखी गयी है। 2019 कि तुलना में 5 प्रतिशत कम देखी गयी है।नक
अन्तराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी  :- यंहा पढ़े

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