प्रमुख तथ्य :-
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2019 में क्षय रोग से ग्रस्त मरीजो की संख्या भारत मे 26.9 लाख अनुमानित की थी परंतु यह संख्या भारत मे 24.9 लाख पाई गई। यह WHO के अनुमान से कम है परंतु पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत मे 4.4 लाख मौतों का अनुमान था परन्तु यह 79144 ही रहा।
- क्षय रोग नियंत्रण करने में तीन शीर्ष राज्य जिनकी जनसख्या 50 लाख से अधिक है- गुजरात, आंध्र प्रदेश एवं हिमाचल प्रदेश
- 50 लाख से कम जनसंख्या वाले राज्यो में बेहतर नियंत्रण करने वाले राज्य:- त्रिपुरा, नागालैंड
- केंद्रशासित प्रदेशो में बेहतर करने वाले राज्य: दादरा नगर हवेली, दमन दीव
आधे मरीज निम्न राज्यो में से है-
उत्तर प्रदेश-20 प्रतिशत
महाराष्ट्र-9 प्रतिशत
मध्य प्रदेश- 8 प्रतिशत
राजस्थान- 7 प्रतिशत
बिहार- 7 प्रतिशत
Another challenge is the burden of paediatric tuberculosis, which is one of the 10 major causes of mortality globally among children under 15 years. Globally, in 2018, an estimated 11 lakh children fell ill with TB and 2.5 lakh died. In India, about 3.43 lakh cases of paediatric TB are estimated to occur every year, accounting for 31 per cent of the global burden and 13 per cent of the overall TB burden in the country.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने क्षय रोग की उन्मूलन की अवधि 2030 तक रखी है जबकि भारत ने 2025 तक रखी है।
टीबी रोग के नियंत्रण हेतु चलाये गए कार्यकम :-
इस समस्या से निपटने के लिये देश में वर्ष 1962 में राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) शुरू किया गया था, लेकिन इसमें कोई खास सफलता नहीं मिली। अतः कम-से-कम 85 प्रतिशत रोगियों के इलाज और 70 प्रतिशत रोगियों की पहचान करने के उद्देश्य से संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम (RNTCP) को डॉट्स प्रणाली के साथ 26 मार्च, 1997 को शुरू किया गया।
प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को दुनिया भर में विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को इस बीमारी के विषय में जागरूक करना और क्षय रोग की रोकथाम के लिये कदम उठाना है। वर्ष 2020 के लिये विश्व क्षय रोग दिवस का थीम ‘It’s Time’ है। विश्व क्षय रोग दिवस को ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (WHO) जैसे संगठनों का समर्थन भी प्राप्त है। क्षय रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु के कारण होता है, जो कि मुख्यतः फेफड़ों को प्रभावित करता है। इससे बचाव अथवा इसकी रोकथाम संभव है। यह हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। आँकड़ों के अनुसार, विश्व की एक चौथाई जनसंख्या लेटेंट टीबी (Latent TB) से ग्रस्त है। लेटेंट टीबी का अर्थ है कि लोग टीबी के जीवाणु से संक्रमित तो हो जाते हैं, किंतु उन्हें imयह रोग नहीं होता है और वे इसका संचरण अन्य व्यक्तियों तक नहीं कर सकते हैं। टीबी के जीवाणु से संक्रमित व्यक्ति के टीबी से ग्रसित होने की संभावना 5-15 प्रतिशत ही होती है।