14 अप्रैल, 2020 को आरंभ देखो अपना देश वेबीनार श्रृंखला ने अभी तक 19 सत्र संचालित किए हैं जिनमें उन विविध पर्यटन उत्पादों एवं अनुभवों को प्रदर्शित किया गया है जिसकी पेशकश भारत पूरे देश में करता है। इस श्रृंखला का अभी तक 86456 व्यक्तियों ने अवलोकन किया है।
हाल ही में भारत सरकार और World Bank ने COVID-19 महामारी से प्रभावित गरीब और संवेदनशील परिवारों को सामाजिक-आर्थिक सहायता प्रदान करने में भारत के प्रयासों का समर्थन करने हेतु 1 बिलियन डॉलर के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किये हैं।
👉इस नवीन सहायता को दो चरणों में वित्त पोषित किया जाएगा-
(१)वित्त वर्ष 2020 के लिए 750 मिलियन डॉलर का तत्काल आवंटन
और
(२)250 मिलियन डॉलर की दूसरा किश्त को वित्त वर्ष 2021 के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
इस समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के अपर सचिव, श्री समीर कुमार खरे और विश्व बैंक की ओर से भारत के निदेशक श्री जुनैद अहमद ने हस्ताक्षर किए।
प्रथम चरण :-
इस अभियान के पहले चरण को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के माध्यम से देश भर में लागू किया जाएगा। यह व्यापक स्तर पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) जैसे पूर्व-मौजूदा राष्ट्रीय मंचों और कार्यक्रमों की मूल व्यवस्थाओं का उपयोग करके शीघ्र ही नकद हस्तांतरण और खाद्य लाभों में मदद प्रदान करने के साथ-साथ कोविड-19 राहत प्रयासों में शामिल आवश्यक श्रमिकों के लिए मजबूत सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हुए पीएमजीकेवाई के अंतर्गत कमजोर समूहों, विशेष रूप से प्रवासियों और अनौपचारिक श्रमिकों को लाभान्वित भी करेगा।
दूसरा चरण :-
इस अभियान के पहले चरण को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के माध्यम से देश भर में लागू किया जाएगा। यह व्यापक स्तर पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) जैसे पूर्व-मौजूदा राष्ट्रीय मंचों और कार्यक्रमों की मूल व्यवस्थाओं का उपयोग करके शीघ्र ही नकद हस्तांतरण और खाद्य लाभों में मदद प्रदान करने के साथ-साथ कोविड-19 राहत प्रयासों में शामिल आवश्यक श्रमिकों के लिए मजबूत सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हुए पीएमजीकेवाई के अंतर्गत कमजोर समूहों, विशेष रूप से प्रवासियों और अनौपचारिक श्रमिकों को लाभान्वित भी करेगा।
इस घोषणा के बाद COVID-19 से लड़ने के लिये विश्व बैंक द्वारा भारत को दी गई मदद की राशि 2 बिलियन डॉलर तक पहुँच गई है। बीते महीने भी विश्व बैंक ने भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिये 1 बिलियन डॉलर के समर्थन की घोषणा की गई थी।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मई 2020 को भारत की जीडीपी के 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान का आह्वान किया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों यथा अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, प्रणाली, युवा आबादी या शक्ति और मांग को भी रेखांकित किया।
‘टॉप’ टू ‘टोटल’ (TOP to TOTAL):
- ‘खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय’ (Ministry of Food Processing Industries-MOFPI) द्वारा संचालित 'ऑपरेशन ग्रीन्स'; जो वर्तमान में टमाटर, प्याज और आलू (Tomatoes, Onions and Potatoes-TOP) को कवर करता है, को सभी फलों एवं सब्जियों तक विस्तृत किया जाएगा।
- योजना के माध्यम से फसलों के परिवहन तथा भंडारण पर 50% सब्सिडी प्रदान की जाएगी। योजना को अगले 6 महीनों के लिये प्रायोगिक रूप में शुरू किया जाएगा तथा बाद में इसे आगे बढ़ाया एवं विस्तारित किया जाएगा।
औषधीय या हर्बल खेती को प्रोत्साहन (Promotion of Herbal Cultivation):
- अगले दो वर्षों में 4,000 करोड़ रुपए के परिव्यय से हर्बल खेती के तहत 10,00,000 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जाएगा। औषधीय पौधों के लिये क्षेत्रीय मंडियों का नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।
- ‘राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड’ (National Medicinal Plants Board) गंगा के किनारे 800 हेक्टेयर क्षेत्र में ‘औषधि गलियारा’ विकसित कर औषधीय पौधे लगाएगा।
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