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विश्व रोगी सुरक्षा दिवस :- 

17 सितम्बर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया गया। वर्ष 2020 की थीम है:- ''स्वास्थ्य कर्मी सुरक्षा: रोगी सुरक्षा के लिए प्राथमिकता''

यह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा शुरु किया गया है और पहली बार 2019 में मनाया गया। 

एयर बबल और वंदे भारत मिशन :- 

एयर बबल एक तरह का दो देशो (भारत और दूसरे देश) के मध्य द्विपक्षीय समझौता है जिसमें दोनो देशों की एयर लाइन को उड़ाने शुरु करने की अनुमति दी गयी है। जबकि वंदे भारत मिशन में केवल भारतीय वायु वाहकों को ही उड़ाने संचालित करने की अनुमति थी।

भारत ने 13 सितम्बर 2020 तक कुल 10 देशों (अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेेन, मालदीव, यूएई, कतर, अफगानिस्तान, बहरीन) के साथ एयर बबल समझौता किया है। 


भारत और अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता एवं BECA

BECA - Basic Exchange and Cooperation Agreement for Geo-spatial Cooperation (भू-स्थानिक सहयोग के लिए  बुनियादी विनिमय तथा सहयोग समझौता) 

इस समझौते से भारत और अमेरिका के बीच सैन्य और नागरिक उपयोग दोनों के लिए भू-स्थानिक सूचना के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा। भारत को भू-खुफिया पर अमेरिकी विशेषज्ञता का उपयोग करने और स्वचलित हार्डवेयर सिस्टम ड्रोन की वृद्धि में मदद मिलेगी। 

भारत और अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय  अक्टूबर के अंत होने वाली है। यह 2017 में शुरु की गयी थी। इसमें दोनेा देशों के विदेश मंत्री एवं रक्षा मंत्री भाग लेते है। 

भारत ने अमेरिका के साथ तीन बुनियादी समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं:

  1. लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट (Logistics Exchange Memorandum of Agreement- LEMOA)
  2. संगतता और सुरक्षा समझौता (Communications Compatibility and Security Agreement -COMCASA)
  3. सैन्य सूचना समझौते की सामान्य सुरक्षा (General Security of Military Information Agreement- GSOMIA) पर काफी समय पूर्व हस्ताक्षर किये गए थे। अंतिम 2+2 वार्ता में GSOMIA का विस्तार करते हुए औद्योगिक सुरक्षा अनुलग्नक (Industrial Security Annex-ISA) के लिए एक विस्तार पर हस्ताक्षर किए गए थे।



राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग :- 

चर्चा में क्यों- अभी हाल ही में स आयोग ने असम सरकार को विश्वनाथ जिले में 48 वर्षीय व्यक्ति को 1 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है। इस व्यक्ति को भीड़ ने अपनी चाय की दुकान में गाय का पका मांस बेचने के आरोप में पीटा था। 


राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग, 1993 के अंतर्गत स्थापित एक स्वंतत्र वैधानिक निकाय है। इसकी स्थापना 12 अक्टूबर, 1993 में हुयी थी। 

इसका गठन पेरिस सिद्धांतों के अनुरुप किया गया। 


राष्ट्र्र्रीय मानवधिकार आयोग की संरचना :- 

एक अध्यक्ष +चार पूर्ण कालिक सदस्य +चार मानद सदस्य 


अध्ययक्ष पद पर उच्च् न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के साथ-साथ उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायाधीश नियुक्त किए जा सकते हैं 


इनके अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति एक छ सदस्यी समित की सिफारिशों पर राष्ट्र्रपति द्वारा की जाती है- 

समिति के सदस्य :- प्रधानमंत्री (प्रमुख), लोकसभा का अध्यक्ष, राज्यसभा के उपाध्यक्ष, संसद के दोनेा सदनों के विपक्ष के नेता, केंद्रीय गृह मंत्री 

कार्यकाल तथा पदत्याग :- तीन वर्ष अथवा 70 वर्ष आयुु जो भी पहले हो। 

विशेष परिस्थिति पर राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है। 


आयोग के कार्य:

  1. आयोग स्वतः संज्ञान लेकर अथवा किसी पीड़ित या उनकी ओर से अन्य व्यक्ति द्वारा दी गई याचिका पर, मानव अधिकारों का हनन करने अथवा लोक सेवक द्वारा इस प्रकार के हनन की रोकथाम में लापरवाही की जांच करेगा।
  2. न्यायालय के समक्ष लंबित मानव अधिकारों के हनन के किसी आरोप से संबंधित किसी कार्यवाही में उस न्यायालय की मंजूरी के साथ हस्तक्षेप करना।
  3. राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन किसी जेल अथवा किसी अन्य संस्थान, वहां के संवासियों के जीवनयापन की दशाओं का अध्ययन करने तथा उनके संबंध में संस्तुतियाँ करने के लिए राज्य सरकार को सूचित करते हुए, दौरा करना।
  4. मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए इसके द्वारा अथवा संविधान के अंतर्गत अथवा कुछ समय के लिए लागू किसी कानून के सुरक्षोपायों की समीक्षा करना।
  5. उन तथ्यों की समीक्षा करना, जिसमें आतंकवादी गतिविधियां शामिल हैं जो मानव अधिकारों के उपयोग को रोकती हैं तथा उचित उपचारी उपायों की संस्तुति करना।
  6. मानव अधिकारों से संबंधित संधियां एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय दस्तावेजों का अध्ययन करना तथा उनके प्रभावी कार्यान्वयन हेतु संस्तुतियां करना।
  7. मानव अधिकारों के क्षेत्र में अनुसंधान कार्य करना तथा उनको बढ़ावा देना।
  8. समाज के विभिन्न वर्गों के बीच मानव अधिकार शिक्षा का प्रसार करना तथा प्रकाशनों, मीडिया, सेमिनार तथा अन्य उपलब्ध साधनों से इन अधिकारों के संरक्षण हेतु उपलब्ध सुरक्षोपायों की जागरूकता को बढ़ाना।
  9. गैर सरकारी संगठनों एवं मानव अधिकार के क्षेत्र में कार्यरत संस्थानों के प्रयास को बढ़ावा देना।
  10. मानव अधिकारों के संवर्ध्दन हेतु आवश्यक समझे जाने वाले इसी प्रकार के अन्य कार्य।
  11. आयोग की शक्तियां:

    आयोग के लिए अधिनियम के अंतर्गत शिकायतों पर जांच करते समय नागरिक दंड संहिता प्रक्रिया 1908 के अंतर्गत वे सभी शक्तियां प्राप्त हैं जो सिविल कोर्ट किसी वाद के विचारण के समय प्राप्त होती है।

    प्रमुख शक्तियां निम्नलिखित है:

    1. गवाहों की उपस्थिति हेतु समन करना तथा हाजिर करना तथा शपथ पर उनकी जांच करना।
    2. किसी दस्तावेज को ढूंढना एवं प्रस्तुत करना।
    3. हलफनामे पर साक्ष्य प्राप्त करना।
    4. किसी पब्लिक रिकॉर्ड को मांगना अथवा किसी न्यायालय अथवा कार्यालय से उनकी प्रति मांगना।
    5. गवाहों अथवा दस्तावेजों की जांच के लिए शासन पत्र जारी करना।
    6. निर्धारित किया गया कोई अन्य मामला।



ध्रुुुुपद संगीत- हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की सबसे प्राचीन शैली है। इसकी प्रकृति अध्यात्मिक होती है।इसकी उत्पत्ति  का स्त्रोत  सोमवेद में मिलता है ।   
    

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