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महात्मा अय्यंकााली :- अभी हाल ही में 28 अगस्त को महात्मा अय्यंकाली की 157वी जयंती मनायी गई। इनका जन्म 28 अगस्त, 1863 को त्रावणकोर रियासत के एक छोटे से गांव में हुआ था जो वर्तमान में केरल राज्य में है।
इन्हें बचपन में जातिगत भेदभाव का सामना करना पडा जिसने इन्हें जाति-विरोधी आंदोलन नेता के रुप में बदल दिया। इन्होंने सार्वजनिक स्थलों तथा स्कूलों में प्रवेश के लिए दलितों के अधिकार के लिए आंदोलन किया।
महात्मा गांधी ने इन्हें ''पुलाया राजा'' की उपाधि दी।
इंदिरा गांधी ने इन्हें '' भारत का महानतम पुत्र'' कहकर सम्मानित किया।
एझावा जाति के समाज सुधारक श्री नरायण गुरु द्वारा प्रेरित होकर महात्मा अयंकाली ने ''साधु जन परिपालम संघम'' की शुरुआत की। इस संस्था ने बाद में अपने स्कूल शुरु करने के लिए धन एकत्र किया
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महात्मा अय्यंकााली :- अभी हाल ही में 28 अगस्त को महात्मा अय्यंकाली की 157वी जयंती मनायी गई। इनका जन्म 28 अगस्त, 1863 को त्रावणकोर रियासत के एक छोटे से गांव में हुआ था जो वर्तमान में केरल राज्य में है।
इन्हें बचपन में जातिगत भेदभाव का सामना करना पडा जिसने इन्हें जाति-विरोधी आंदोलन नेता के रुप में बदल दिया। इन्होंने सार्वजनिक स्थलों तथा स्कूलों में प्रवेश के लिए दलितों के अधिकार के लिए आंदोलन किया।
महात्मा गांधी ने इन्हें ''पुलाया राजा'' की उपाधि दी।
इंदिरा गांधी ने इन्हें '' भारत का महानतम पुत्र'' कहकर सम्मानित किया।
एझावा जाति के समाज सुधारक श्री नरायण गुरु द्वारा प्रेरित होकर महात्मा अयंकाली ने ''साधु जन परिपालम संघम'' की शुरुआत की। इस संस्था ने बाद में अपने स्कूल शुरु करने के लिए धन एकत्र किया
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