टोडा कढ़ाई (Toda Embroidery):
- टोडा भाषा में इस कढ़ाई को ‘पोहर’ (Pohor) कहा जाता है। जबकि पारंपरिक टोडा पोशाक एक विशिष्ट शॉल है जिसे ‘पुटकुली’ (Putukuli) कहा जाता है।
- यह एक भव्य परिधान माना जाता है इसे केवल विशेष अवसरों के लिये पहना जाता है जैसे- मंदिर, त्योहारों एवं अंत में कफन के रूप में।
- यह कढ़ाई टोडा महिलाओं द्वारा बनाई जाती है और इसमें रूखे सफेद सूती
कपड़े पर ज्यामितीय डिज़ाइनों में विशिष्ट लाल एवं काले (कभी-कभी नीले)
धागे का प्रयोग होता है।
इसे भौगोलिक संकेत (GI) टैग मिला है।
तोड़ा जनजाति :-
- टोडा जनजाति (Toda Tribe) दक्षिणी भारत की नीलगिरि पहाड़ियों की एक चरवाहा जनजाति है।
- टोडा भाषा का संबंध द्रविड़ियन भाषा परिवार है किंतु यह द्रविड़ भाषा परिवार में सबसे असामान्य एवं अलग है।
- ये लोग तीन से सात सदस्यों के समूह में छोटे घरों वाली बस्तियों में रहते हैं।
- इनकी आजीविका डेयरी उत्पाद, बेंत एवं बाँस आदि के पारंपरिक व्यापार पर निर्भर है।