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आई पी सी को धारा 188 (SECTION 188 OF IPC)

1897 के महामारी कानून (Mahamari Act) के सेक्शन 3 में इस बात का जिक्र किया गया है कि अगर कोई प्रावधानों का उल्लंघन करता है, सरकार / कानून के निर्देशों / नियमों को तोड़ता है, तो उसे आईपीसी की धारा 188 के तहत दंडित किया जा सकता है। इस संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करने पर भी आपके खिलाफ ये धारा लगाई जा सकती है।
यहां तक कि किसी के ऊपर ये धारा लगाने व कानूनी कार्रवाई करने के लिए ये भी जरूरी नहीं कि उसके द्वारा नियम तोड़े जाने से किसी का नुकसान हुआ हो या नुकसान हो सकता हो। अगर आपको सरकार द्वारा जारी उन निर्देशों की जानकारी है, फिर भी आप उनका उल्लंघन कर रहे हैं, तो भी आपके ऊपर धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

सजा क्या है :- इसके अंतर्गत दो प्रकार की सजा का प्रावधान है।

(1) अगर आपके कृत्यों से व्यवस्था में लगे किसी व्यक्ति को नुकसान पहुचता है तो  आरोपित व्यक्ति को एक महीने की सजा या 200 रुपये का जुर्माना अथवा दोनों हो सकती है। 

(2) यदि आपके द्वारा मानव जीवन, सभ्यता, हेल्थ आदि का खतरा उतपन्न होता है तो 6 महीने की जेल या 1000  रुपये का जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है
  
आई पी सी की धारा 269 और 270  में क्या अंतर है? - क्लिक हियर

 क्या यह अपराध जमानती है- हाँ यह जमानती है। 

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