मेडिसिन या फिजियोलॉजी के लिये नोबेल पुरस्कार
Nobel Prize for Medicine or Physiology
6 अक्तूबर, 2020 को हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C Virus) की खोज के लिये अमेरिकी वैज्ञानिक हार्वे जे ऑल्टर (Harvey J Alter) एवं चार्ल्स एम राइस (Charles M Rice) और ब्रिटिश वैज्ञानिक माइकल ह्यूटन (Michael Houghton) को मेडिसिन या फिजियोलॉजी के लिये नोबेेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
प्रमुख बिंदु:
- हेपेटाइटिस सी रक्तजनित वायरस के कारण उत्पन्न होता है, जो यकृत को प्रभावित करता है। यह इंजेक्टेबल दवाओं, असुरक्षित स्वास्थ्य देखभाल आदि के माध्यम से फैल सकता है। WHO के अनुसार, यह यौन गतिविधियों द्वारा संक्रमित हो सकता है, किंतु ऐसे मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं।
- स्टॉकहोम (स्वीडन) में पुरस्कार की घोषणा करते हुए नोबेल समिति ने कहा कि तीनों वैज्ञानिकों के कार्य ने रक्तजनित हेपेटाइटिस (Blood-Borne Hepatitis) के एक प्रमुख स्रोत की व्याख्या करने में मदद की जिसे हेपेटाइटिस ए एवं बी वायरस द्वारा समझाया नहीं जा सकता है।
- इस खोज ने हेपेटाइटिस सी पर निर्देशित एंटीवायरल दवाओं के तेज़ी से विकास को भी गति दी है।
- World Health Organisation का अनुमान है कि दुनिया भर में 70 मिलियन से अधिक लोग हेपेटाइटिस से प्रभावित हैं और प्रत्येक वर्ष इससे 400,000 मौतें होती हैं।
- यह एक पुरानी बीमारी है जो यकृत की सूजन एवं कैंसर का एक प्रमुख कारण है।
(National Viral Hepatitis Control Programme- NVHCP):
- भारत सरकार द्वारा इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी।
- इस कार्यक्रम का लक्ष्य वर्ष 2030 तक हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) बीमारी को समाप्त करना है।
- वर्ष 2018 के बाद से हेपेटाइटिस सी से प्रभावित लगभग 50,000 लोगों का इलाज किया जा चुका है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार, देश की आबादी के अनुमानित 0.5-1% (या 10-13 मिलियन लोग) हेपेटाइटिस सी से पीड़ित हैं।
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