हम अक्सर खबरों में पढ़ते रहते है कि जल में B.O.D की मात्रा बढ़ गयी या घट गई। यमुना नदी में बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड की मात्रा बढ़ गयी इत्यादि।
आइए जानते है ये क्या है-
आइए जानते है ये क्या है-
बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड :- हम सभी जानते है कि जल में बहुत सारे कार्बनिक पदार्थ घुले होते है जिनका जैविक रासायनिक अपघटन ऑक्सीजन के माध्यम से ही होता है। अपघटन से आशय होता है किसी पदार्थ का सूक्ष्म कणों में विघटन से होता है।
बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड के माध्यम से जल प्रदूषण की मात्रा को मापा जाता है ।यह एक लंबी प्रकिया है इसलिए इसका प्रयोग नही किया जाता । BOD के माध्यम से केवल जैव अपघटक का पता चलता है।
घुलित ऑक्सीजन (Dissolved oxygen) :- जल में घुलित ऑक्सीजन की वह मात्रा जो श्वसन के लिए जलीय जीवों के लिए आवश्यक होती है।
संदूषित जल :- जब जल में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा 8.0mg/l से कम हो जाती है तो ऐसे जल को संदूषित (contaminated) कहा जाता है।
अत्यधिक प्रदूषित :- जब जल में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा 4.0mg/l से कम हो जाती है तो यब अत्यधिक प्रदूषित जल होता है।
बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड जंहा पर ज्यादा होगी वँहा पर घुलित ऑक्सीजन की मात्रा कम होंगी